बच्चों के आहार संम्बंधित जानकारियाँ
- माँ का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम (अमृत समान) है।
- माँ को अपना दूध शिशु को उसके पैदा होने के तुरन्त बाद पिलाना शुरू कर सकती हैं।
- शुरूवात में स्तन से निकलने वाला पीले रंग का लिसलिसा पदार्थ (Colostrum) बच्चों के लिए अत्यन्त लाभदायक है। यह बच्चे के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है ।
- प्रथम तीन माह तक शिशु को माँ का दूधही देना चाहिए। पानी देने की आवश्यकता नहीं है।
- बच्चा जब भी दूध मांगे (दूध के लिए रोये) तो उसे पूर्ण संतुष्टी तक दूध पिलाना चाहिए। स्तनपान माँ को भी विश्राम का अवसर प्रदान करता है।
- प्रायः माँ का दूध बच्चे के लिए पर्याप्त होता है। इसका पता उसके बढ़ते हुए वजन से लगाया जा सकता है। यदि माँ ऊपर के दूध की आवश्यकता महसूस करती है तो वह डॉक्टर की सलाह से गाय, भैंस, अथवा डिब्बे के दूध का उपयोग कर सकती हैं। याद रखें जब तक अत्यन्त आवश्यकता न हो, शिशु को उपर का दूधन दें।
- दूध पिलाने के लिए साफ (साबुन से धुली) कटोरीव चम्मच का ही प्रयोग करें। बोतल अथवा सुतुही का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- शिशुओं में दस्त होने का प्रमुख कारण, बोतल, चूसनी अथवा सुतुही का प्रयोग करना होता है।
- शिशुओं को कभी जबरदस्ती दूध न पिलायें रोने या चिल्लाते समय दूध पिलाने से दूध फेफड़े से सरक सकता है।
- हर बार दूध पिलाने के बाद शिशुओं को कन्धे पर रखकर धिरे धिरे थपथपाना सहलाना चिहिए जिससे कि उसके पेट से दूध के साथ गयी वायु बाहर निकल जाये और शिशु डकार ले ले। डकार दिलाने के बाद शिशु को दाहिनी करवट या पेट के बल सुला देना चाहिए। ऐसा करने से शिशु दूध पीने के बाद उल्टी नहीं करेगा।
- यदि किसी वजह से शिशु उल्टी कर दे तो उसे तुरन्त पेट के बल (औंघा) कर दें ताकि उल्टी किया पदार्थ उसके फेफड़े में न फंसे।
माँ के जानने हेतु महत्वपूर्ण बातें
- शिशु के जन्म के बाद शहद, मिश्री या चीनी का घोल इत्यादि कदापि न दें। इससे संक्रमण हो सकता है।
- आँख में काजल या कान में तेल न डालें।
- मालिस करना बच्चे के लिए आनन्ददायक है। मालिस हल्के हाथ से करें । इसके लिए तेल लगाना आवश्यक नहीं है।
- घुट्टी या ग्राइप वाटर का प्रयोग तर्क संगत नहीं है।
- बुखार तेज होने पर शरीर के कपड़े कम कर दें। सिर से पाँव तक सादे पानी से पोछा तबतक लगायें जबतक बुखार 100 डिग्री से कम न हो जाये ।
- यदि किसी दवा से रियेक्शन (खुजली, त्वचा पर दाने निकलना आदि) होता है ते वह दवा देना बन्द करके तत्काल अपने डाक्टर से सम्पर्क करें ।
- डायरिया (पेचिस) होने पर शिशु को ज्यादा ORS पिलाने का प्रयत्न करें ।